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इस पोस्ट में आगमनात्मक तर्क के बारे में बताया गया है कि आगमनात्मक तर्क क्या होता है और आगमनात्मक तर्क के पद कौन कौनसे है और इसमें ध्यान रखने वाली बातें क्या है आगमनात्मक तर्क आज कल परीक्षा की दृष्टि महत्पूर्ण टॉपिक है लेकिन यूजीसी नेट की यूनिट 6 के लिए एवं सभी टीचिंग एग्जाम के लिए महत्पूर्ण टॉपिक है जिससे प्रश्न पूछे जाते है इस वेब आते में यूजीसी नेट 1 पेपर की यूनिट वाइस जानकारी पर प्रीवियस पेपर एवं सिलेबस के अनुसार जानकारी दी जाती है, धन्यवाद।

आगमनात्मक तर्क:- आगमनात्मक तर्क मे अनुमानित निष्कर्ष दिये जाते है और कुछ कथन दिये जाते है उनसे अनुमान लगाया जाता हैं आगमनात्मक तर्क मे अपेक्षा की जाती हैं कि निष्कर्ष पर विचार करें।

तर्कसंगत द्रस्टि से देखे कोन सा कथन सूचना का अनुसरण करता है इनसे संबंधित प्रश्ननो का सवाधिक महत्वपूर्ण पहलु निष्कर्ष का स्वरूप है इसमे निष्कर्ष प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष भी हो सकते हैं।

आगमनात्मक विधि के पद (proccess) :-

1- उदाहरण का प्रस्तुतिकरण

2- निरीक्षण करना

3 -सामान्यीकरण द्वारा नियम बनाना

4- नियम का सत्यापन एवं परीक्षण

आगमनात्मक तर्क मे ध्यान देने वाली बातें:- कि निष्कर्ष तब निकाला जा सकता हैं

1- कथन एक या सभी सूचना मे निहित हैं।

2 -कथन मे दिये गये विचार का सामान्यीकरण है

3- कोई तर्क दोष तो नही हैं आगमनात्मक तर्क मे यदि एक से अधिक कथन दिये है तो निष्कर्ष तक पहुचे के लिए सूचना के साथ पारस्परिक संबंध कायम करना पड़ता है

4-आगमनात्मक तर्क मे ध्यान देने वाली बात यह भी है कि सूचना के आधार पर ही निष्कर्ष की वैधता पर विचार करना है।

5- आगमनात्मक तर्क मे समरूपता के नियम का पालन अवश्य होना चाहिए एक सब्द के दो अर्थ नही।

6- कथन मे विरोधभाषी नही होना चाहिए।

7 -कथन सत्य की प्रचलित धारणा से हो।

8- आगमनात्मक तर्क मे प्रकृति की समरूपता से पूर्व कल्पित होता हैं

9-आगमनात्मक तर्क मे मानव स्वरूप की एकरूपता का पूर्व अनुमान होता हैं।

10 -आगमनात्मक विधि में सदैव सामान्य से विशेष की और जाते है।

11 -वैध उक्ति का गलत पूर्ववयन और गलत निष्कर्ष हो सकता हैं।

12- आगमनात्मक विधि में छात्रों को विविधि उदाहरण का अवलोकन करके स्वयं निष्कर्ष निकलकर सामान्य नियम का निर्माण करना पड़ता है।

13 -आगमनात्मक विधि में किसी प्रकरण के अनुसार विशिष्ट उदाहरण का प्रस्तुतिकरन होता हैं।

14 -आगमनात्मक विधि में सामान्यीकरण द्वारा नियम बनते हैं।

15 -सामान्यीकरण द्वारा बनाए गये नियम का परीक्षा एवं सत्यापन करते है।

16- आगमनात्मक विधि में वैज्ञानिक द्रस्टिकोण व अवलोकन छमता का विकाश होता हैं।

17 प्राप्त ज्ञान व्यवहारिक एवं स्थाई होता हैं क्योकि बालक करके सीखता है।

आगमनात्मक विधि का प्रयोग:-

मैथ्स, science, व्याकरण मे अधिक उपयोग है।