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इस पोस्ट में शिक्षण सहायक सामग्री के बारे में बताया गया है कि शिक्षण सहायक सामग्री क्याहोती है और शिक्षण सहायक सामग्री के प्रकार कौन कौनसे है और शिक्षण सहायक सामग्री का प्रयोग करते समय ध्यान रखने वाली बातें क्या है शिक्षण सहायक सामग्री आज कल परीक्षा की दृष्टि महत्पूर्ण टॉपिक है लेकिन यूजीसी नेट की यूनिट 1 के लिए एवं सभी टीचिंग एग्जाम के लिए महत्पूर्ण टॉपिक है जिससे प्रश्न पूछे जाते है इस वेबसाइट पर यूजीसी नेट 1 पेपर की यूनिट वाइस जानकारी प्रीवियस पेपर एवं सिलेबस के अनुसार दी जाती है, धन्यवाद।

शिक्षण सहायक सामग्री

1- शिक्षण मे अधिगम को प्रभावी बनाने के लिए  द्रश्य-श्रव्य सहायक सामग्री का विशेष महत्व होता है ।

2- द्रश्य-श्रव्य सहायक सामग्री की सहायता से  अधिगम की परिस्थित को अधिक प्रभावी रूप से उत्तपन किया जा सकता हैं।

3- जिससे उद्देश्य की अधिक प्राप्ति की जा सकती हैं।

4- इसलिए द्रश्य-श्रव्य सहायक सामग्री को  शैक्षिक तकनीकी मे हार्डवेयर उपगम माना गया है।

शिक्षण सहायक सामग्री के प्रकार:-

1 द्रश्य सहायक सामग्री।

2 श्रव्य सहायक सामग्री।

3 द्रश्य-श्रव्य सहायक सामग्री।

1- द्रश्य सहायक सामग्री:- द्रश्य सहायक सामग्री वह सामग्री है जिस को शिक्षक छात्रों को दिखा कर teaching कराता है जिसमे छात्र अपनी आँखों द्वारा देख कर ज्ञान प्राप्त करता है जैसे मानचित्र आदि।

2 - श्रव्य सहायक सामग्री:- श्रव्य सहायक सामग्री वह सामग्री होती हैं जिसमे शिक्षक छात्रों को सुना कर teaching कराता है  जिसमे छात्र अपनी कानो द्वारा सुनकर कर ज्ञान प्राप्त करता है जैसे रेडियो पर प्रोग्राम आदि।

3- द्रश्य-श्रव्य सहायक सामग्री:-

1- द्रश्य-श्रव्य  सहायक सामग्री  मे छात्र द्रश्य-श्रव्य दोनो इन्द्रियों द्वारा ज्ञान प्राप्त करता है ।

2- अधिगम को प्रभावित करने के कारण रोचक एवं सरल बनाता है।

3- द्रश्य-श्रव्य सहायक सामग्री अधिगम के प्रभावित के साथ साथ स्व-शिक्षण का भी माध्यम बनता है।

4- द्रश्य-श्रव्य सहायक सामग्री के उदाहरण-TV, चलचित्र, कम्प्यूटर ओवर हेड प्रोजेक्टर आदि।

द्रश्य-श्रव्य सहायक सामग्री के विशेषता:-

1-शिक्षण प्रक्रिया मे अनुभव व विचार का आदान प्रदान एक प्रमुख तत्व है

2 -इस प्रक्रिया मे शिक्षक प्रदाता और छात्र ग्राहक के रूप मे होता हैं।

3- द्रश्य-श्रव्य सहायक सामग्री केवल अनुभव ही प्रस्तुत नही करती है विचार प्रक्रिया मे भी सहायक है।

4 द्रश्य-श्रव्य सहायक सामग्री ज्ञानोपार्जन को 35℅ अधिक तीव्र करता है।

5 द्रश्य-श्रव्य सहायक सामग्री धारणा  को 55℅ अधिक स्थाई करता है।

शिक्षण सहायक सामग्री का महत्व:-

1 छात्र का ध्यान आकर्षण करने मे सहायक।

2 विषय वस्तु को स्पष्ट करने मे सहायक।

3 ज्ञानइंद्रिय का अधिक प्रयोग।

4 शिक्षण सूत्र पर आधारित।

5 शिक्षक के आत्मविश्वशा मे वृधि।

6 अधिगम के स्थानांतरित मे सहायक।

7 अभिप्रेणा के स्रोत।

8 अनुशासनहीनता को रोकने मे सहायक।

9 प्रतिपुस्ति करने मे सहायक।

10 2 स्थायित्व मे सहायक।

11 शिक्षण स्रोत कमी की पूर्ति।

12 प्रत्यक्ष अनुभव मे सहायक।

13 भाषा सम्बंधित योग्यता मे सहायक

14 कक्षा अंतक्रिया मे वृधि।

शिक्षण सहायक सामग्री का वर्गीकरण:-शिक्षण सहायक सामग्री का वर्गीकरण दो आधार पर किया गया है

1 परम्परागत उपागम।

2 गैर परम्परागत उपागम।

1- परम्परागत उपागम:-

1 रेखाचित्र- फोटो, मानचित्र आदि

2 पर्दशन पट- श्याम पट, बुलेटिन बोर्ड आदि।

3 त्रि आयमी उपकरण- प्रतिरूप, अवशेष, कटपुतली आदि।

4- प्रक्षेपन- चलचित्र, स्लाइड, फिल्म स्ट्रप आदि।

5 श्रव्य उपकरण- ग्रामोंफोन, टेप रिकार्ड्स, रेडियो आदि।

6 क्रियाशील उपकरण- संग्रहालय, नाटक, एतिहासिक पर्यटन

2 गैर परम्परागत उपागम(Teaching based approach) :-इसमे चलचित्र, स्लाइड, दूरदर्शन, कम्प्यूटर आदि आते हैं।