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डिजिटलकरण के बच्चों पर साकारात्मक और नाकारात्मक प्रभाव:- वर्तमान समय डिजिटलकरण का समय है और इसके बहुत साकारात्मक पहलू है तो कुछ नाकारात्मक पहलू भी है डिजिटलकरण से प्रत्येक वर्ग का पर प्रभाव पड़ा है तो इससे बच्चे भी प्रभावित हुए है एवं बच्चों पर साकारात्मक और नाकारात्मक दोनों प्रभाव पड़े है जिनका वर्णन करना अति आवश्यक है।

डिजिटलकरण के बच्चों पर साकारात्मक प्रभाव

1- बच्चे संबंधितों से जुड़े रहते है

2- बच्चे अपने टीचर से भी जुड़े रहते ही

3- जान का इंटरएक्टिव साधन

4- सोशल साइड से ज्ञान बर्धन

5- लर्निंग को मज़ेदार और भरोसमंद बनने में सहायक

6- अवधारणाओं को समझाने में सहायक

7- विदेशी शिक्षा से संपर्क

8- विदेशी भाषा सीखने में सहायक

9- विदेशी संस्कृत सीखने में सहायक

10- दिव्यांग बच्चों के लिए सहायक

11- मॉक टेस्ट में सहायक

12- इंटरएक्टिव वेबसाइटों से कौशल विकास

डिजिटलकरण के बच्चों पर नाकारात्मक प्रभाव

1- सोशल मीडिया पर उपलब्ध विडियो उम्र के हिसाब से नहीं

2- डिजिटलकरण के कारण बच्चों में हिंसक गतिविधि को बढावा

3- सोशल मीडिया पर समय की बर्बादी

4- सोशल मीडिया की लत

5- मानसिक तनाव में वृद्धि

6- फिजिकल फिटनेस में कमी

7- फिजिकल संबंधों में कमी

8- उपकरणों के उपयोग से तंत्रिकाओं का अतिउत्तेजना

9- नींद का पूरा ना होना

10- मस्कुलोस्केलेटल व्यथा के लक्षण

11- साइबरबलिंग

12-

साइबरस्टेकिंग आदि