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Court Of Enquiry (COI) अदालती जांच की प्रक्रिया     Court Of Enquiry (COI) अदालती जांच के Refetence (संदर्भ)   1-Para  6.1 to 6.5 का Establistment mannual.   2-Para  6.30 of GC and BN mannual.   3-Para  4.33 and 7.5 to 7.9 of Provisional mannual.   4-Para 1.32 ऑफ Account Mannual.   5-Para 3.16 तो 3.18 of OPS Hand book.   6-OP No-33/80   7-CRPF Rule 1955 Rule 31 & 35     Court Of Enquiry (COI) अदालती जांच क्यों की जाती है।   1- जवाबदारी तय करने हेतु।   2- एक्सीडेंट या इंसिडेंट कैसे हुआ पता लगाने हेतु   3- सरकारी स्टोर की टूट फुट या खोज जाने पर   4- व्यक्तिगत जवाबदारी तय करने हेतु   5- गाइडलाइन के लिए     Court Of Enquiry (COI) अदालती जांच, जिन परिस्थितियों में की जाती है।   1- सरकारी स्टोर का ₹1000 रुपए का नुकसान होने पर।   2- आर्म्स अम्युनिशन का ₹100 का नुकसान होने पर।   3- गाड़ी का एक्सीडेंट होने पर।   4- गाड़ी का एक्सीडेंट होने पर वाहन, आदमी एवं संपति का नुकसान होने पर।   5- जवानों को कोई गंभीर चोट लगने पर।   6- कोई घटना होने पर हथियार एम्युनिशन का प्रयोग होने पर।   7- पुलिस फोर्स द्वारा लाठीचार होने पर।   8- फोर्स का सदस्य के भूगोल होने पर।   9- सरकारी खजाने के गम या गबन होने पर।   10- समय से पहले सरकारी सामान कंडम होने पर   Court Of Enquiry (COI) अदालती जांच क्यों की जाती है।   1- जवाबदारी तय करने हेतु।   2- एक्सीडेंट या इंसिडेंट कैसे हुआ पता लगाने हेतु   3- सरकारी स्टोर की टूट फुट या खोज जाने पर   4- व्यक्तिगत जवाबदारी तय करने हेतु   5- गाइडलाइन के लिए         अदालती जांच का तरीका::-   1- सबसे पहले कार्यालय आदेश जारी किया जाता है।   2- कार्यालय आदेश में एक बोर्ड का गठित किया जाता है जिसमें एक राजपत्रित अधिकारी दो अधिनस्थित अधिकारी होते हैं।   3- अगर जनहानि या बड़ा नुकसान हुआ है तो उसके पीठासीन अधिकारी कमांडेंट होंगे।   4- अदालती जांच की कार्यवाही AFA-2 में लिखी जाएगी।   5- स्टेटमेंट लेने से पहले चेतावनी दी जाती है।   6- बदलती जांच की कार्रवाई हिंदी अंग्रेजी में की जाएगी।   7- स्टेटमेंट देने वाला अपने हस्ताक्षर करेगा और ROEAC (Read Over Explained Admited correct) या हिंदी में पढ़ा लिखा समझा ठीक पाया लिखा जायेगा।   8- स्टेटमेंट होने के बाद पीठासीन अधिकारी द्वारा सत्यापित किया जाएगा।   9- सभी का भाव का पुनरीक्षण करेंगे।   10- गवाहों के बयान और साक्ष्य के आधार पर निष्कर्ष लिखा जाएगा।   11- निष्कर्ष के आधार पर ही सिफारिश/ राय लिखी जाएगी।   12- अदालती जांच के सिफारिश/ राय के आधार पर प्राधिकृत अधिकारी आदेश जारी करते हैं।       अदालती जांच का तरीका (COI) फाइल की तरतीब -   1- सबसे ऊपर इंडेक्स लगाया जाएगा।   2- इंडेक्स के बाद कार्यालय आदेश।   3- कार्यालय आदेश के बाद AFA -2 फॉर्म   4- AFA -2 के बाद सभी गवाहों के बयान और प्रश्नोत्तर     5- अदालती जांच के समय उपलब्ध सभी साक्ष्य   6- बदलती जांच का निष्कर्ष।   7- सबसे अंतिम में राय/सिफारिश